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नये जहां की ओर

By Anand - April 08, 2019
Image courtesy : weheartit लड़-झगड़कर मेरी जां क्या मिलेगा इस जहान मे दोनो ईक दिन मिल जायेंगे मिट्टी के इस खान मे। तो क्यों ना मेरी जां हमदोनो प्यार करते है आओ मिलकर मेरी जां बेशुमार करते हैं। तो क्यों ना मेरी जां दोनो साथ चलते हैं ये रास्ते जहाँ ले जाये वहाँ चलते हैं। चलते-चलते जब थक जायेंगे तो बैठ रहेंगे किनारे...

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